Bank : बैंक वालों ने बिना customer को notice के गाड़ी उठा ली और नीलाम कर दी , जज साहब ने किया manager को तलब
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आपने भी कभी ना कभी लोन लिया होगा या किसी चीज को आपने फाइनेंस कराया होगा बाइक टू व्हीलर फोर व्हीलर आपने भी देखा होगा कि कोई भी फाइनेंस कंपनी होती है वह अगर उसका पेमेंट अगर टाइम पर नहीं करते हैं , तो वह हमारी बाइक , कहो मोटरसाइकिल फोर व्हीलर गाड़ी हो मतलब कुछ भी हो वह सबको ले जाते हैं अगर उनका पेमेंट हम नहीं करते हैं तो



ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश में मैं हुआ है , जहां पर किसी ने एयू बैंक से मोटरसाइकिल फाइनेंस कराई थी लेकिन उसका टाइम पर पेमेंट नहीं कर पाया है क्योंकि पेमेंट करने वाला आदमी की डेट हो चुकी थी जिसके नाम पर बाइक थी और जिस ने बाइक को फाइनेंस कराया था एयू बैंक से , तो ना ही उसके घर वाले पेमेंट कर पाए और ना ही कोई उसका किस्त pay कर रहा था टाइम पर
फिर कंपनी ने बाइक के ओनर को नोटिस नहीं भेजा और बैंक ने उसकी बाइक को जप्त करके उसकी नीलामी कर दी, और बैंक मैनेजर का कहना है कि जोरासी बची हुई थी उसको ऑनर के अकाउंट में टीडीएस काटकर रिफंड कर दिया था, लेकिन उनके अकाउंट में भी नहीं आया था अब तक अमाउंट
जब यह मामला हाईकोर्ट में पहुंचा और जो गारंटर था उसका ही परिवार का उसने कंपनी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और कंपनी के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ कंप्लेंट करके उस पर केस लगा दिया , जब इस मामले की सुनवाई होती है कोर्ट में तो वहां पर कंपनी के वकील और बाइक ओनर का वकील भी होता है
वहां पर जस्सा अपने बैंक मैनेजर को तलब किया और अपने सामने बुलाया, बैंक मैनेजर को खूब फटकार लगाई जज साहब ने बैंक मैनेजर से यह भी कह दिया कि अब तुम्हें जेल जाना पड़ेगा बैंक में की हालत खराब हो गई फिर बैंक मैनेजर की वकील की तरफ से पक्ष रखा गया और उन्होंने जज साहब ने मांगी वह डिटेल उन्हें दी गई
बाइक ओनर के वकील ने बताया कि इन्होंने हमें बिना नोटिस दिए ही हमारी बाइक को जप्त कर उठाकर ले गए और हमें नोटिस नहीं दिया इस बिहाव पर बाइक होनर के परिवार ने और गारंटर ने कंपनी पर केस किया था , जहां पर फिर बताया गया कि उन्होंने नोटिस भेजा था गारंटर को लेकिन गारंटर तक नोटिस नहीं पहुंचा यह गारंटर का कहना है
जस्ट सामने साफ इंकार कर दिया उन्होंने कहा यहां से नोटिस भेज दिया गया है अब तुम्हें नहीं मिलाया तुमने नहीं लिया तो इसमें कंपनी की गलती नहीं है जबकि पहले जैसा अब खुद कंपनी के ऊपर भड़के हुए थे बैंक मैनेजर के ऊपर उन्होंने एक नोटिस बाइक ओनर को भी भेजा था जिसकी डेट हो चुकी थी लेकिन इसके बाद उन्होंने गारंटर को भी भेजा था
अगर ऐसा आपके साथ हो जाए तो आप क्या करेंगे
हम आपको बता दे अगर आपके साथ भी ऐसा होता है अगर आपको कंपनी सूचित नहीं करती है और आप टाइम पर किस्त पर नहीं कर पाते हो किसी फाइनेंसर स्थिति की वजह से तो आप कंपनी से टाइम मांग सकते हो अगर कंपनी टाइम देने से मना करे तो आप कंपनी को एक लिखित में नोटिस दे सकते हो जिसकी आपके पास एक कॉपी होना चाहिए
इसके बाद में अगर आपके बिना पूछे ही आपकी बाइक या कुछ भी कंपनी जप्त करती है या बैंक आपको बिना नोटिस दिए और बिना सूचित किए तो आप कंपनी के ऊपर केस कर सकते हो इसके जिम्मेदार कंपनी खुद होगी क्योंकि उसने बिना नोटिस दिए ही आपको आपका सामान को जप्त करके नीलाम कर दिया
आप कभी भी कुछ भी चीज फाइनेंस कराएं तो अपनी सारी डिटेल सही-सही भरे नहीं तो आपको प्रॉब्लम हो सकती है क्योंकि अगर कंपनी नोटिस भेजती है और आपका एड्रेस गलत है होता है तो तो उसके जिम्मेदार भी आप होंगे, एक बार एग्रीमेंट को सही से पढ़ ले और एग्रीमेंट में अपना सही एड्रेस डलवाए नहीं तो वह नोटिस भेजते हैं और कहीं और चला जाता है तो उसके जिम्मेदार आप ही होंगे
आप कंपनी से टाइम मांग सकते हो अगर आपके पास पेमेंट नहीं है आपको कंपनी को कॉल नहीं करना है ना ही उनके कलेक्शन में मेरे को बताना है आपको कंपनी को एक लिखित में स्पीड पोस्ट से कॉपी भेजें वहां पर और उसकी एक जेरॉक्स कॉपी अपने पास रखें अगर कभी भी ऐसा होता है तो वह हमारे काम में आ सकती है
कभी भी किसी के लोन लेने पर उसका गारंटर मत बने नहीं तो आपको भी जाना पड़ सकता है जेल ?
जब यह बाइक ली थी उसमें गारंटर भी था , आपको बता दें दोस्तों अगर आप भी किसी की गारंटी लेते हो कोई फाइनेंस कराने में होम लोन हो या बाइक लोन हो टेक्टर लोन हो कोई सा भी लोन हो अगर आप उसमें गारंटर बनते हो तो आपको नुकसान होता है इसलिए कभी भी ध्यान रखें , कोई तुम्हारा खास हो तुम्हारा परिवार का ही हो अगर वह पेमेंट दे सकता है तो आप उसके गारंटर बन सकते हो नहीं तो आप गारंटर मत बनिए
क्योंकि अगर आप गारंटर बन जाते हो तो आप की भी सारी डिटेल लोन के साथ लगती है जब भी कोई लोन लेता है आपका पैन कार्ड जो कि आपके सिविल स्कोर पर लोन दिखता है गारंटर के तौर पर, अगर वह टाइम पर पेमेंट या किस्त नहीं पर करता है तो उसका इफेक्ट आप पर और आपके सिविल स्कोर पर होगा और कंपनी आप पर भी केस कर सकती है इसलिए कभी भी किसी की गारंटी ले तो सोच समझकर ही ले